उज्जैन एक ऐसी नगरी जहाँ भगवान शिव स्वयं महाकाल विराजमान है, यहाँ हर प्रकार की वाधा से मुक्ति मिल जाती है, बस मन में श्रद्धा और विस्वास हो, सनातन धर्म में तीन गुणों के अनुसार पूज्य देव भी है, सतोगुण, रजोगुण एवं तमोगुण ऐसा ही एक मंदिर है भगवान काल भैरव का जो तमोगुणी भक्तो के द्वारा पूज्य है, क्युकी भगवान प्रसाद में ही मदिरापान करते है।
काल भैरव मंदिर, इस मंदिर को उज्जैन के मंदिरों का राजा भी कहा जाता है। यह मंदिर सनातन धर्म के प्रमुख देवता भगवान काल भैरव को समर्पित है जिनकी कृपा से राहु केतु जैसे ग्रह दोषो से मुक्ति मिल जाती है और इसका इतिहास भारतीय संस्कृति के साथ गहरा जुड़ा हुआ है। इस मंदिर का दर्शन करने के लिए देश और विदेश के अनगिनत श्रद्धालु यहाँ आते हैं, और यहाँ के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण भारतीय परंपरा का हिस्सा बन चुका है।
काल भैरव मंदिर का इतिहास:
काल भैरव मंदिर का निर्माण महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ जुड़ा हुआ है, जिसे उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यह मंदिर भगवान काल भैरव के एक रूप को समर्पित किया गया है, जिन्हें महाकाल के रूप में पूजा जाता है। इसका इतिहास उज्जैन के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक के रूप में है, और यह मंदिर किंवदंतियों और इसके धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
काल भैरव मंदिर का विशेष महत्व:
महाकालेश्वर के साथ संयुक्त: काल भैरव मंदिर का सबसे अद्वितीय फीचर यह है कि यह महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ संयुक्त है। महाकालेश्वर मंदिर और काल भैरव मंदिर के दर्शन करने से श्रद्धालु एक ही स्थान पर दो प्रमुख देवताओं की पूजा कर सकते हैं।
महाकुम्भ मेला: उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर महाकुम्भ मेला के दौरान अग्रिम धार्मिक स्थलों में से एक होता है, और यह धार्मिक महोत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। महाकुम्भ मेला के दौरान मिलने वाले श्रद्धालु यहाँ पर महाकालेश्वर और काल भैरव के दर्शन करने आते हैं।
पौराणिक महत्व: काल भैरव मंदिर के पौराणिक कथाओं में इसके महत्व को महाकालेश्वर के ज्योतिर्लिंग के साथ जोड़ा गया है। इसके अलावा, इस मंदिर का इतिहास भी पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है और यहाँ के पूजा प्रतिष्ठान भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण हैं।
वास्तुशिल्प: काल भैरव मंदिर का वास्तुशिल्प भी बहुत खास है। इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक डिज़ाइन दर्शनीय है और इसे वास्तुकला के प्रशंसकों के लिए भी आकर्षक बनाता है।
काल भैरव मंदिर उज्जैन एक धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहाँ के दर्शन करना हिन्दू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है, अगर राहु केतु दोष है आपकी कुंडली में तो गुरु जी से सम्पर्क करके काल भैरव मंदिर में पूजन करवाए।
उज्जैन में काल सर्प दोष निवारण के विभिन्न उपाय किए जाते हैं जो मनुष्य के जीवन में सुख और समृद्धि का संचार करते हैं। पंडित जी उज्जैन ने अनेक व्यक्तियों को काल सर्प दोष के प्रभाव से छुटकारा पाने में मदद की है। वे व्यक्ति की कुंडली के अनुसार उपाय और पूजा की विधि बताते हैं जो उनके जीवन को सुखमय बना सकते हैं। गुरु जी से अविलम्ब सम्पर्क करें। जय महाकाल
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